किसे ख़बर थी हवा राह साफ़ करते हुए मेरा तवाफ़ करेगी तवाफ़ करते हुए मैं ऐसा हँस रहा था ए'तिराफ़ करते हुए कि वो तो रो पड़ा मुझ को मुआ'फ़ करते हुए अब इस से बढ़ के मोहब्बत का क्या सिला मिलता वो मेरा हो गया सब को ख़िलाफ़ करते हुए बस एक प्यार ने सालिम रखा हमें यारो रक़ीब मर गए हम में शिगाफ़ करते हुए उसे मनाने में हम ने गँवा दिया उस को कि शीशा टूट गया धूल साफ़ करते हुए हमारी नींद के पीछे छुपी है ताबानी चराग़ सो गए ये इंकिशाफ़ करते हुए