किसी भी राएगानी से बड़ा है ये दुख तो ज़िंदगानी से बड़ा है न हम से इश्क़ का मफ़्हूम पूछो ये लफ़्ज़ अपने मआनी से बड़ा है हमारी आँख का ये एक आँसू तुम्हारी राजधानी से बड़ा है गुज़र जाएगी सारी रात इस में मिरा क़िस्सा कहानी से बड़ा है तिरा ख़ामोश सा इज़हार 'राहत' किसी की लन-तरानी से बड़ा है