कोई शिकवा न शिकायत है बिछड़ने वाले बेवफ़ाई तिरी आदत है बिछड़ने वाले हम जो ज़िंदा हैं तो ज़िंदा भी नहीं हैं देखो इक बपा रोज़ क़यामत है बिछड़ने वाले मेरी साँसों की रवानी का सबब पूछते हो तेरे चेहरे की तिलावत है बिछड़ने वाले चैन तुम को जो नहीं आता किसी भी लम्हे ये मोहब्बत की अलामत है बिछड़ने वाले मुझ को किरदार मयस्सर नहीं अफ़्साने में ये कहानी में क़बाहत है बिछड़ने वाले तू जो बिछड़ा है इसे साथ ही ले जाना था दिल कि तेरी ही अमानत है बिछड़ने वाले अपना उश्शाक़-क़बीले से तअ'ल्लुक़ गहरा ग़म की जागीर विरासत है बिछड़ने वाले मेरा दावा था बिछड़ कर न जियूँगा लेकिन अब जो ज़िंदा हूँ नदामत है बिछड़ने वाले क़ल्ब-ए-शाही पे जो चलता है तो सिक्का तेरा दिल पे तेरी ही हुकूमत है बिछड़ने वाले