कुछ इस तरह सुला दिया गया मुझे कि जागना भुला दिया गया मुझे कोई तो है जो उस को याद है बहुत ये किस तरह भुला दिया गया मुझे मैं ख़ुद को दूसरों से क्या जुदा करूँ बहुत मिला-जुला दिया गया मुझे न जाने ये नमी कहाँ से आ गई न जाने कब रुला दिया गया मुझे वो एक दर भी पानियों के रुख़ पे था जो एक दर खुला दिया गया मुझे