कुछ तो आख़िर मुझे बता क्या है मेरी क़िस्मत का फ़ैसला क्या है अक़्ल कोई जवाब दे न सकी दिल से पूछो कि चाहता क्या है तू अगर मेहरबान हो मुझ पर दर्द क्या चीज़ है दवा क्या है तेरी रुस्वाई मेरी बदनामी इश्क़ की और इंतिहा क्या है तू मुझे अपने दर से दूर न कर और 'हामिद' की इल्तिजा क्या है