क्या हासिल इस बात से अब हम कैसे हैं तुम ने जैसा छोड़ा था बस वैसे हैं सोचा था हम तुझ बिन मर-खप जाएँगे क़िस्मत देखो अब भी अच्छे-ख़ासे हैं भँवरे प्यास बुझाते हैं तुझ होंटों से लेकिन तेरे चाहने वाले प्यासे हैं मैं ने सोचा मुझ से भी कोई प्यार करे दिल ने पूछा जेब में तेरी पैसे हैं तेरी दीद से मेरी आँखें रौशन थीं कब से नैना तेरी दीद के प्यासे हैं