क्या करूँ ऐ ख़ुदा नहीं जाता दिल से वो बेवफ़ा नहीं जाता एक लम्हा सुकून भी दे दे दर्द हर पल सहा नहीं जाता मालिका तुझ से एक शिकवा है वैसे मुझ से किया नहीं जाता मसअला ये है उस के गाँव को दूसरा रास्ता नहीं जाता आ भी जाए हवा का झोंका गर सब दिए तो बुझा नहीं जाता हो सके तो पलट के आ जाओ अब अकेले रहा नहीं जाता याद रखना ये जो मोहब्बत है इस सफ़र में रुका नहीं जाता