क्यों ख़फ़ा हो मिरे दिलबर ये बताओ मुझ को ऐसे ख़ामोश तो रह कर न सताओ मुझ को सोच कर बस यही दिन रात तड़पता हूँ मैं वक़्त आए वो गले फिर से लगाओ मुझ को बे-क़रारी के सबब चैन नहीं मिलता है जो भी अहवाल हैं दिल के वो सुनाओ मुझ को दूरियाँ किस लिए आई हैं हमारे माबैन कुछ तो बोलो कि न अब ऐसे सताओ मुझ को रूठ जाने का सबब क्या है बता कर जाओ छोड़ कर ऐसे तड़पता तो न जाओ मुझ को दर्द सीने में उठा है मिरे जानी देखो देखने मौत से पहले चले आओ मुझ को गिरते 'हैदर' के ये आँखों से पुकारे मोती पास इक बार मुझे अपने बुलाओ मुझ को