लगेगा न दिल तेरा तन्हा मिरी जाँ नहीं तुम ने लेकिन ये समझा मिरी जाँ ये आईना हैरत से तकता है मुझ को न जाने किया इस पे बीता मिरी जाँ ये दिल तो है क्या चीज़ जाँ तुझ को देती अगर तू कभी मुझ से कहता मिरी जाँ कि हम तुम मिलेंगे किसी भी जनम में कभी तुम ने भी सोचा ऐसा मिरी जाँ वो सपना था या फिर मिरे पास थे तुम कोई तुम सा मुझ में था महका मिरी जाँ मिरा इश्क़ दरिया को तय कैसे करता घड़ा भी था बिल्कुल ही कच्चा मिरी जाँ तू बन के मुक़द्दर का तारा था चमका अभी कल ही शब मैं ने देखा मिरी जाँ