लम्हा लम्हा सोचने वाली आँखें थीं उस की आँखें देखने वाली आँखें थीं कई दिनों से उन को ढूँड रही हूँ मैं वो जो मुझ को ढूँडने वाली आँखें थीं उस को भूलूँ भी तो कैसे भूलूँ मैं हँसते हँसते रोने वाली आँखें थीं इधर उधर कब देखने देती थीं मुझ को हर पल मुझ को टोकने वाली आँखें थीं मुझ को ख़ुद से दूर न जाने देती थीं मेरा रस्ता रोकने वाली आँखें थीं अपने आप में एक पहेली थी 'सादी' और पहेली बूझने वाली आँखें थीं