लिखा जो वस्फ़-ए-दहन ग़ैब से निदा आई By Ghazal << बहार का रूप भी निगाहों मे... कमाल-ए-इश्क़ दिखाने पे अब... >> लिखा जो वस्फ़-ए-दहन ग़ैब से निदा आई अदम का क़स्द किया तेरे दिल में क्या आई जो नख़्ल-बंद-ए-अज़ल का हुआ चमन में ख़याल नज़र गुलों में अजब शान-ए-किब्रिया आई ग़रीक़-ए-बहर-ए-मोहब्बत की ली ख़बर न कभी ख़ुदा से शर्म न कुछ तुझ को नाख़ुदा आई Share on: