लूट ले सरमाया-ए-दिल लूट ले ऐ फ़रेब-ए-चश्म-ए-क़ातिल लूट ले मुझ से फ़य्याज़-ए-मोहब्बत है कोई कह रहा हूँ ख़ुद मिरा दिल लूट ले ये तमन्ना है कि कोई राहज़न कारवान-ए-मंज़िल-ए-दिल लूट ले लुत्फ़ जब है तेरी दुज़्दीदा नज़र आँख मिलते ही मिरा दिल लूट ले सूरत-ए-परवाना हूँ मैं बज़्म में मुझ को तू ऐ शम-ए-महफ़िल लूट ले हुस्न की आज़ादियों का ज़िक्र क्या हुस्न अगर चाहे तो महफ़िल लूट ले 'औज' की भी काएनात-ए-जान-ओ-दिल ओ बुत-ए-ज़ोहरा-शमाइल लूट ले