मर्द हों ऐसे सितमगर नहीं अच्छे लगते आईने तोड़ते पत्थर नहीं अच्छे लगते चाहने वाले बिछड़ जाएँ तो दुख होता है बेवफ़ाई के भी मंज़र नहीं अच्छे लगते चाँद तारो करो तारीक शबों को रौशन मुझ को तारीक से मंज़र नहीं अच्छे लगते मुझ को इन खोखले दा'वों से भी घिन आती है फूल के भेस में पत्थर नहीं अच्छे लगते बात 'अमरीना' से करनी हो तो खुल कर करना ये हिजाबों में छुपे डर नहीं अच्छे लगते