मौसमों वाले नए दाना ओ पानी वाले हम वही लोग वही नक़्ल-ए-मकानी वाले हाँ बचा लेंगे यही शहर को जल जाने से कुछ तो बाक़ी हैं अभी शहर में पानी वाले रंग क्या ख़ूब जमेगा जो कभी मिल बैठें और कुछ लोग तबीअत की रवानी वाले इस लिए और भुला देता हूँ वादे अक्सर मुझ को मिलते ही नहीं याद-दहानी वाले कोई सामे जो मिले मुझ को ख़बर कर देना हैं मिरे शहर में सब लोग कहानी वाले