मेरे दिल ने ये तिरे दिल से कहा आज की रात कैसे रह पाऊँगा मैं तेरे बिना आज की रात आख़िरी रात है ये मेरी तुझे है न ख़बर आख़िरी बार तो अब आँखें मिला आज की रात कितनी मुद्दत से नहीं माँगा है तू ने कुछ भी जो तिरे दिल में है सब माँग ज़रा आज की रात तुम को मालूम है ऐसा क्यों मुझे लगता है ख़त्म हो जाएगा अब खेल मिरा आज की रात जब कभी मिलना था तो दिल में मिला करते थे क्या हुआ क्यों ये बुलाया है भला आज की रात