मिलाओ उस से के जिस का उसूल हो मुझ सा अगर न ऐसा मिले तो जुहूल हो मुझ सा सभी से मिल लो ज़माने में ढूँड लो लेकिन नहीं मिलेगा चमन में जो फूल हो मुझ सा मिज़ाज मिलता नहीं अब किसी से मेरा यहाँ ख़ुदा नुज़ूल करे जो मलूल हो मुझ सा मुझे गिरा के नज़र से तुम्हें लगा होगा नहीं है कोई यहाँ जो फ़ुज़ूल हो मुझ सा हसीन लगते थे जिन को नहीं रहे अब वो नहीं है कोई जिसे अब क़ुबूल हो मुझ सा मैं जिन को मिल न सका उन के वास्ते ये दुआ क़ुबूल कर ले ख़ुदा और नुज़ूल हो मुझ सा