मिले शौक़ीन बातें हो रही हैं बड़ी रंगीन बातें हो रही हैं मिरे ज़ख़्मों को शायद पढ़ लिया है तभी नमकीन बातें हो रही हैं उसे बोलो कि पर्दे में रहे वो करो तल्क़ीन बातें हो रही हैं वहाँ दो-चार बातें और कर लें जहाँ दो तीन बातें हो रही हैं मियाँ ज़ख़्मों का उक़्दा खुल रहा है करो तदफ़ीन बातें हो रही हैं