मिरे चराग़ो मिरा गंज-ए-बे-कराँ ले लो मैं जा रहा हूँ मिरी रौशनी-ए-जाँ ले लो क़रीब है मिरे ख़ाकी लिबास की तहलील मिरे दिमाग़ मिरे दिल मिरी ज़बाँ ले लो है मेरी आँखों में अक्स-ए-नविश्ता-ए-दीवार समझ सको तो मिरा नुत्क़-ए-बे-ए-ज़बाँ ले लो मिरी जबीं पे मुनक़्क़श हैं रास्तों के चराग़ भटक न जाओ ये दस्तूर-ए-चीस्ताँ ले लो रहीन-ए-दश्त हूँ सहरा का राज़-दाँ हूँ मैं रुमूज़-ए-दश्त बयाबाँ की बोलियाँ ले लो हूँ वारदात का ऐनी गवाह मैं मुझ से ये मेरी मौत से पहले मिरा बयाँ ले लो