मिरे दिल को सुपुर्द-ए-ग़म न करना मिरे एहसास पर पत्थर न धरना मिरे जीने की अपनी ही अदा है मुझे मालूम है हँस हँस के मरना मिरी साँसों में भी कुछ ज़हर सा है मिरे नज़दीक से बच कर गुज़रना मुझे अपनों ने वो धोके दिए हैं मुझे आता नहीं ग़ैरों से डरना वफ़ा की आड़ में लूटा गया हूँ बहुत मुश्किल है अब मेरा सँवरना मिरे उजड़े हुए गुलशन के फूलो मिरी बर्बादियों का ग़म न करना