मिरे जोश-ए-ग़म की है अजब कहानी कभी उठता शोला कभी बहता पानी है ख़ुशी का सौदा ख़लिश-ए-निहानी है जिगर का छाला समर-ए-जवानी जो ख़ुशी है फ़ानी तो है ग़म भी फ़ानी न ये जावेदानी न वो जावेदानी अज़ली मोहब्बत अबदी कहानी कि पस-ए-फ़ना है नई ज़िंदगानी सितम-ओ-रज़ा में ये है अहद-ए-मोहकम जो तिरी कहानी वो मरी कहानी वो उठेंगे तूफ़ाँ कि ख़ुदा बचाए ये नए नज़ारे ये भरी जवानी ये निगाह तिरछी ये बल अब्रूओं का हर अदा है दिलकश मगर इमतिहानी मिरी कश्ती-ए-दिल दम-ए-आह-ओ-अफ़्ग़ाँ कभी बादबानी तो कभी दहानी दर-ए-दिल से पल्टा हर इक आने वाला तिरी याद क्या थी मिरी पासबानी ये तिरा तलव्वुन ये बदलती चितवन अजब इक बला है कि है ना-गहानी मिरी किश्त-ए-दिल पर प-ए-ज़ाला-बारी है सपेद बादल अक़ब-ए-जवानी कभी आरज़ू था यही दाग़-ए-हसरत मुझे जो बना दे तिरी मेहरबानी