मोहब्बत का कोई पौदा लगाना भी ज़रूरी है उसे फिर शक की आँधी से बचाना भी ज़रूरी है चलो आपस में तल्ख़ी और रंजिश हो ही जाती है तमाशा क्या ज़माने को दिखाना भी ज़रूरी है किसी के नाम को काग़ज़ पे लिखना और मिटा देना इक ऐसे काम पर ख़ुद को लगाना भी ज़रूरी है फ़साने चाहतों के लुत्फ़ देते हैं मगर तुम को जुदाई का कोई क़िस्सा सुनाना भी ज़रूरी है यूँही उड़ते हुए पंछी मुंडेरों तक नहीं आते मोहब्बत के लिए कुछ दाम-ओ-दाना भी ज़रूरी है क़दम तो मिल गए 'अरशद' मगर ये ज़ेहन में रखना मोहब्बत को मोहब्बत से निभाना भी ज़रूरी है