मोहब्बत में शिकायत कर रहा हूँ शिकायत में मोहब्बत कर रहा हूँ सुना है आदतें मरती नहीं हैं सो ख़ुद को एक आदत कर रहा हूँ वो यूँ भी ख़ूबसूरत है मगर मैं उसे और ख़ूबसूरत कर रहा हूँ किसे मालूम कब आए क़यामत सो हर दिन इक क़यामत कर रहा हूँ उदासी से भरी आँखें हैं उस की मैं सदियों से ज़ियारत कर रहा हूँ ज़रूरत ही नहीं मेरी किसी को सो ख़ुद को अपनी चाहत कर रहा हूँ