मुश्किल में मुझे उस का सहारा भी बहुत था वो शख़्स मुझे जान से प्यारा भी बहुत था ये कम है कि कुछ दिन वो मिरे साथ रहा है तन्हा था तो यादों का सहारा भी बहुत था तन्हाई उदासी ये सियह-रात ये जल-थल ऐसे में तो इक टूटा सितारा भी बहुत था इक मैं कि चला आया कोई क़द्र नहीं की उस ने तो मिरा नाम पुकारा भी बहुत था कुछ मेरी भी कम-फ़हमी थी मैं हो गया उस का शीशे में 'ख़लील' उस ने उतारा भी बहुत था