न सनम-कदों की है जुस्तुजू न ख़ुदा के घर की तलाश है मिरे दिल में भर दे जो बिजलियाँ मुझे उस नज़र की तलाश है हैं बहुत से ऐसे भी राहज़न जो मिलेंगे ख़िज़्र के भेस में कोई उन से कह दे ये हम-सफ़र जिन्हें राहबर की तलाश है तुझे चंद रोज़ा ख़ुशी मिली तो मिला मुझे ग़म-ए-दाइमी वो तिरी नज़र की तलाश थी ये मिरी नज़र की तलाश है मिरी राह ये तिरी राह वो मिरा साथ तुझ से निभेगा क्या कि मुझे है दर्द की जुस्तुजू तुझे चारागर की तलाश है