नाम पर हर्फ़ न आने दीजे By Ghazal << उस ने जो दर्द का अम्बार ल... हाँ जिसे आशिक़ी नहीं आती >> नाम पर हर्फ़ न आने दीजे जान अगर जाए तो जाने दीजे यास की आस न टूटे जिस में आस को पास न आने दीजे पारा-ए-दिल न थमा मर्दुम-ए-चश्म बैठिए मुझ को ऊठाने दीजे ग़ुस्सा क्या अब तो गया याँ से 'नसीम' आइए बैठिए जाने दीजे Share on: