नफ़्स नमरूद है क्या होना है शिर्क मौजूद है क्या होना है कश्फ़ मक़्सूद है क्या होना है हाल मफ़क़ूद है क्या होना है सज्दे होते हैं किसे ओ ग़ाफ़िल कौन माबूद है क्या होना है छोड़ दुनिया-ए-दनी का पीछा इस से क्या सूद है क्या होना है हस्त-ओ-बूद-ए-तन-ए-ख़ाकी इक दिन नीस्त-नाबूद है क्या होना है साफ़ होता कि हो अज़-ख़ुद रफ़्ता राह मसदूद है क्या होना है देखिए हश्र को कैसे गुज़रे रोज़-ए-मा'हूद है क्या होना है चाहिए मस्जिद-ए-अक़्सा में नमाज़ दैर मस्जूद है क्या होना है मन-ओ-सल्वा जिसे हम समझे हैं ज़हर-आलूद ही क्या होना है गर्मी-ए-इश्क़-ओ-निहाल-ए-हस्ती आतिश-ओ-ऊद है क्या होना है जौहर-ए-रूह तन-ए-ख़ाकी में क्या गुल-अंदूद है क्या होना है जो कि मंसूर के पेश आया था वही मौजूद है क्या होना है ख़ुद परस्ती की बुरी है सूरत अब्द माबूद है क्या होना है ऐ 'सबा' देखिए वो पर्दा-नशीं किस से ख़ुश-नूद है क्या होना है