नाहक़ शिकायत-ए-ग़म-ए-दुनिया करे कोई ग़म है बड़ी ख़ुशी जो गवारा करे कोई रग रग में दिल की जज़्ब है महशर-ए-उमीद अंदाज़ा-ए-हुजूम-ए-तमन्ना करे कोई है उन के आस्ताँ पे हुजूम-ए-ग़ुरूर-ओ-नाज़ गुंजाइ-ए-शजबीं हो तो सज्दा करे कोई यूसुफ़ ग़यूर फ़ितरत-ए-यूसुफ़ ग़यूर-ए-तर क्या ए'तिबार-ए-ख़्वाब-ए-ज़ुलेख़ा करे कोई हर शख़्स है ख़राब-ए-तमन्ना ब-क़द्र-ए-ज़ौक़ 'सीमाब' किस से अर्ज़-ए-तमन्ना करे कोई