नज़्ज़ारा जो होता है लब-ए-बाम तुम्हारा दुनिया में उछलता है बहुत नाम तुम्हारा दरबाँ है न है ग़ैर-ए-बद-अंजाम तुम्हारा काम आएगा आख़िर यही नाकाम तुम्हारा दुश्नाम सुनो दे के दिल ऐ हुस्न-परस्तों ये काम तुम्हारा है वो इनआम तुम्हारा आग़ाज़-ए-मोहब्बत है हो ख़ुश हज़रत-ए-दिल क्या अच्छा नज़र आता नहीं अंजाम तुम्हारा 'अहसन' की तबीअत से अभी तुम नहीं वाक़िफ़ है दिल से दुआ-गो सहर ओ शाम तुम्हारा