नज़र नज़र से मिला कर शराब पीते हैं हम उन को पास बैठा कर शराब पीते हैं इसी लिए तो अँधेरा है मय-कदे में बहुत यहाँ घरों को जला कर शराब पीते हैं हमें तुम्हारे सिवा कुछ नज़र नहीं आता तुम्हें नज़र में सजा कर शराब पीते हैं उन्हीं के हिस्से में आती है प्यास भी अक्सर जो दूसरों को पिला कर शराब पीते हैं