नाला-ए-दिल राएगाँ देखिए कब तक रहे ना-मुरादी कामराँ देखिए कब तक रहे मेरी उल्फ़त का यक़ीं देखिए कब हो उन्हें ये हक़ीक़त दास्ताँ देखिए कब तक रहे देखिए कब तक रहें ज़िंदगी पर हम गिराँ ज़िंदगी हम पर गिराँ देखिए कब तक रहे देखिए कब तक रहें दर-ब-दर की ठोकरें गर्दिश-ए-हफ़्त-आसमाँ देखिए कब तक रहे देखिए कब न हों कामराँ ऐ दोस्त हम बख़्त हम से सरगिराँ देखिए कब तक रहे देखिए 'आसी' पे हो कब इनायत आप की ना-मुकम्मल दास्ताँ देखिए कब तक रहे