नाला-ए-सबा तन्हा फूल की हँसी तन्हा इस चमन की दुनिया में है कली कली तन्हा रात दिन के हंगामे एक मुहीब तन्हाई सुब्ह-ए-ज़ीस्त भी तन्हा शाम-ए-ज़ीस्त भी तन्हा कौन किस का ग़म खाए कौन किस को बहलाए तेरी बे-कसी तन्हा मैरी बेबसी तन्हा देखिए तो होते हैं सारे हम-क़दम रह-रव काटिए तो कटती है राह-ए-ज़िंदगी तन्हा चारासाज़ हो कर भी हुस्न के ये तेवर हैं दर्द से तड़पता है सोज़-ए-आशिक़ी तन्हा