नसीम-ए-कू-ए-यार आए न आए ख़ुदा जाने बहार आए न आए तसल्ली आज तो तुम दे रहे हो मगर कल फिर क़रार आए न आए नज़र भर देख ले तू ऐ नज़र आज नज़र फिर रू-ए-यार आए न आए लगा ले सीने से ऐ दिल कि कल की ख़बर क्या उस को प्यार आए न आए ख़बर उस को नहीं लेकिन यहाँ मैं हूँ महव-ए-इंतिज़ार आए न आए मिरे बस में नहीं उस को बुलाना है उस को इख़्तियार आए न आए गुलिस्ताँ की बहारें कहती हैं आज कि कल जान-ए-बहार आए न आए हमेशा जीत के सेहरे मिले हैं गले में फिर ये हार आए न आए दिल-ए-दीवाना जल्दी और जल्दी कि फिर ये दौर-ए-दार आए न आए मिरी तो ख़ाक अब बन बन उड़ेगी तिरे दिल में ग़ुबार आए न आए क़दम धीरे उठा नादान 'रहबर' कि फिर ये रहगुज़ार आए न आए