नया सौदा नया दर्द-ए-निहानी ले के आया हूँ नई उस बज़्म से मैं ज़िंदगानी ले के आया हूँ कुछ अपनी ना-तवानी कुछ तिरा पास-ए-नज़ाकत था निगाहों में मोहब्बत की कहानी ले के आया हूँ तिरे जल्वे के नज़्ज़ारे को ख़ाली हाथ क्या आता लुटाने को बहार-ए-नौजवानी ले के आया हूँ लबों पर मोहर-ए-ख़ामोशी है आँखें डबडबाई हैं असर-अंदाज़ अपनी बे-ज़बानी ले के आया हूँ ख़ुदा-मालूम क़ासिद क्या सुनाए दिल धड़कता है ये कहता है कि पैग़ाम-ए-ज़बानी ले के आया हूँ मिज़ा पर गर्म गर्म आँसू लबों पर सर्द सर्द आहें फ़साना दर्द का ग़म की कहानी ले के आया हूँ सरिश्क-ए-ख़ूँ दिल-ए-पुर-दाग़ अफ़्सुर्दा तमन्नाएँ अज़ल से ये मताअ-ए-ज़िंदगानी ले के आया हूँ मक़ाम-ए-ख़िज़्र था या मै-कदा था क्या कहूँ क्या था जहाँ से मैं हयात-ए-जावेदानी ले के आया हूँ 'जलील' अब्र-ए-सियह क्या झूमता है सब्ज़ा-ज़ारों पर ये कहता है कि आब-ए-ज़ि़ंदगानी ले के आया हूँ