नए जहानों का इक इस्तिआरा कर के लाओ बदन की ख़ाक उठाओ सितारा कर के लाओ वगर्ना इश्क़ में इक आँच की कमी होगी ये दिल है जाओ इसे पारा-पारा कर के लाओ तुम्हारे पास ही हम ख़ुद को छोड़ आए हैं कभी तुम आओ तो हम को हमारा कर के लाओ हवस के गहरे समुंदर से हैं घिरे हुए हम हमारे सामने ख़ुद को किनारा कर के लाओ तमाम बिछड़े हुओं को मिलाओ आज की रात तमाम खोए हुओं को इशारा कर के लाओ