नेक हो और पारसा हो तुम ये भी कह दो कि बे-रिया हो तुम दिल तुम्हारा भी है गुदाख़ता क्या यूँ तो दाऊदी सी सदा हो तुम क्या अलग शय हो तुम ख़ुदाई से अपने होने से भी सिवा हो तुम क्या है बेजा बजा है क्या बाबा सोचते भी कभी हो क्या हो तुम बे-ख़ुदा 'शाह' भी कहाँ कब है है ये शोहरा कि बा-ख़ुदा हो तुम