ज़मीं पर मो'जिज़ा करने की साज़िश बुतों को देवता करने की साज़िश हमारा चीख़ना जिस्मों के अंदर ख़मोशी को सदा करने की साज़िश दरख़्तों पर बनाना नक़्शा दिल के इन्हें गोया हरा करने की साज़िश कुशादा इक क़फ़स है आसमाँ भी इसे कीजे ख़ला करने की साज़िश हमीं से मंज़िलों का काम लेना हमीं को रास्ता करने की साज़िश ये हर मौसम परिंदों को उड़ाना ये पिंजरों को ख़फ़ा करने की साज़िश तुझे मुझ से तवक़्क़ो ही नहीं कुछ मुझे या'नी ख़ुदा करने की साज़िश