ओस की तमन्ना में जैसे बाग़ जलता है तू न हो तो सीने का दाग़ दाग़ जलता है चाँद चल दिया चुप-चाप सो गए सितारे भी रात की स्याही में दिल का दाग़ जलता है मौत इक कहानी है ज़ीस्त जावेदानी है इक चराग़ बुझता है इक चराग़ जलता है क़त्ल-गाह से ले कर क़ातिलों के दामन तक ख़ून-ए-नाहक़-ए-फ़रहाद का सुराग़ जलता है साथियों से दूरी में इक जहाँ से दूरी है मय में दम नहीं साक़ी और अयाग़ जलता है