पा के तूफ़ाँ का इशारा दरिया तोड़ देता है किनारा दरिया कैसे डूबेगी भँवर में कश्ती कैसे देगा न सहारा दरिया सैल-ए-हिम्मत हैं हमारे बाज़ू डूब जाएगा तुम्हारा दरिया बंद अफ़्कार ने बाँधे लेकिन चढ़ के उतरा न हमारा दरिया अहल-ए-हिम्मत ने डुबोया सब को ना-ख़ुदाओं से न हारा दरिया ऐ असीर-ए-ग़म साहिल इधर आ बीच धारे से पुकारा दरिया हिम्मत-ए-तर्क-ए-वफ़ा डूब गई किस ने आँखों में उतारा दरिया मौज ने पूछ लिया कल 'तरज़ी' कश्ती प्यारी है कि प्यारा दरिया