पाबंद-ए-हुक्म-ए-गिर्या-ए-बे-इख़्तियार हूँ मैं सैल-ए-आबशार हूँ अब्र-ए-बहार हूँ अब्र-ए-बहार हूँ न फ़ज़ा-ए-बहार हूँ मैं गर्द-ए-दामन-ए-चमन-ए-रोज़गार हूँ ऐ बाग़बान-ए-गुलशन-ए-हस्ती बता मुझे अपनी बहार हूँ कि चमन की बहार हूँ हैं याँ के ज़र्रे ज़र्रे में बे-ताबियाँ मिरी मैं जान-ए-बे-क़रार-ओ-दिल-ए-बे-क़रार हूँ कहता है हुस्न-ए-यार से हुस्न-ए-निगाह-ए-मिस्र चढ़ती बहार तू मैं उतरती बहार हूँ अब मैं कहाँ ज़मीन-ओ-फ़ज़ा-ए-वतन कहाँ 'बेख़ुद' मैं आंधियों का उड़ाया ग़ुबार हूँ