पा-ब-दामन हो रहा हूँ बस-कि मैं सहरा-नवर्द ख़ार-ए-पा हैं जौहर-ए-आईना-ए-ज़ानू मुझे देखना हालत मिरे दिल की हम-आग़ोशी के वक़्त है निगाह-ए-आश्ना तेरा सर-ए-हर-मू मुझे हूँ सरापा साज़-ए-आहंग-ए-शिकायत कुछ न पूछ है यही बेहतर कि लोगों में न छेड़े तू मुझे बाइस-ए-वामांदगी है उम्र-ए-फ़ुर्सत-जू मुझे कर दिया है पा-ब-ज़ंजीर-ए-रम-ए-आहू मुझे ख़ाक-ए-फ़ुर्सत बर-सर-ए-ज़ौक़-ए-फ़ना ऐ इंतिज़ार है ग़ुबार-ए-शीशा-ए-साअत रम-ए-आहू मुझे हम-ज़बाँ आया नज़र फ़िक्र-ए-सुख़न में तू मुझे मर्दुमुक है तूती-ए-आईना-ए-ज़ानू मुझे याद-ए-मिज़्गाँ में ब-नश्तर-ए-ज़ार-ए-सौदा-ए-ख़याल चाहिए वक़्त-ए-तपिश यक-दस्त सद-पहलू मुझे इज़्तिराब-ए-उम्र बे-मतलब नहीं आख़िर कि है जुसतुजू-ए-फ़ुर्सत-ए-रब्त-ए-सर-ए-ज़ानू मुझे चाहिए दरमान-ए-रीश-ए-दिल भी तेग़-ए-यार से मरम-ए-ज़ंगार है वो वसमा-ए-अबरू मुझे कसरत-ए-जौर-ओ-सितम से हो गया हूँ बे-दिमाग़ ख़ूब-रूयों ने बनाया 'ग़ालिब'-ए-बद-ख़ू मुझे फ़ुर्सत-ए-आराम-ए-ग़श हस्ती है बोहरान-ए-अदम है शिकस्त-ए-रंग-ए-इम्काँ गर्दिश-ए-पहलू मुझे साज़-ए-ईमा-ए-फ़ना है आलम-ए-पीरी 'असद' क़ामत-ए-ख़म से है हासिल शोख़ी-ए-अबरू मुझे