पहले मेरे पाँव में ज़ंजीर-ए-इस्याँ देखिए फिर तमाशा-ए-तिलिस्म-ए-बज़्म-ए-इम्काँ देखिए ख़ून-ए-दिल ख़ून-ए-जिगर का नक़्श-ए-उर्यां देखिए अपने मुँह से क्या कहूँ रंग-ए-गुलिस्ताँ देखिए और सब कुछ है यहाँ इंसानियत मफ़क़ूद है अब तसव्वुर में फ़क़त इंसाँ को इंसाँ देखिए तूर हो या अर्श दोनों ही दिल-ए-इंसाँ में हैं उस को अपनी ज़ात में नज़्द-ए-राग-ए-जाँ देखिए चाँद पर डाले कमंदें और ख़ुद से बे-ख़बर देखिए कोताही-ए-इदराक-ए-इंसाँ देखिए आग में गिर जाइए मोहकम अगर ईमान है और फिर शो'लों में अंदाज़-ए-गुलिस्ताँ देखिए बे-कसी में तर्जुमान-ए-हाल-ए-दिल होता है ग़म मेरी ख़ामोशी है अफ़्साने का उनवाँ देखिए