पहले शर्मा के मार डाला फिर सामने आ के मार डाला साक़ी न पिलाई तूने आख़िर तरसा तरसा के मार डाला ईसा थे तो मरने ही न देते तुम ने तो जिला के मार डाला बीमार-ए-अलम को तू ने नासेह समझा समझा के मार डाला ख़ंजर कैसा फ़क़त अदा से तड़पा तड़पा के मार डाला याद-ए-गेसू ने हिज्र की शब उलझा उलझा के मार डाला फ़ुर्क़त में तिरे ग़म-ओ-अलम ने तन्हा मुझे पा के मार डाला ख़ंजर न मिला तो उस ने 'बेदम' आँखें दिखला के मार डाला