पैकर-ए-जिस्म-ओ-जाँ से पहले भी ख़ाक थी ख़ाक-दाँ से पहले भी ऐसा लगता है हम मिले हैं कहीं इस ज़मीं आसमाँ से पहले भी हम ने ता'मीर कर के छोड़ दिया इक मकाँ ला-मकाँ से पहले भी आँख से पहले भी तो मंज़र थे ज़ाइक़े थे ज़बाँ से पहले भी हम कहीं थे कहीं नहीं थे उफ़ुक़ दहर में कुन-फ़काँ से पहले भी