पल में यारी कर लेते हो बातें अच्छी कर लेते हो कहे बिना मैं रह नहीं पाऊँ क़ाबू दिल भी कर लेते हो जिस के साथ भी जाओ उसी को परछाईं सी कर लेते हो चुनते हो तुम मुश्किल मक़्सद और हासिल भी कर लेते हो दिल में क्या है पता है तुम को तुम अन-देखी कर लेते हो हम से खुल कर ऐसी बातें बस इक तुम ही कर लेते हो तुम से दूर रहें हम बे-शक तुम तय दूरी कर लेते हो बे-सब्री भी देख चुके हैं इंतिज़ार भी कर लेते हो हमें भुला भी देते हो तुम लेकिन याद भी कर लेते हो जब इस दर्जा बेताबी है कैसे तसल्ली कर लेते हो कभी कभार तो बातें 'अंजुम' बिना बात भी कर लेते हो