पी ली हम ने शराब पी ली थी आग मिसाल-ए-आब पी ली अच्छी पी ली ख़राब पी ली जैसी पाई शराब पी ली आदत सी है नश्शा न अब कैफ़ पानी न पिया शराब पी ली छोड़े कई दिन गुज़र गए थे आई शब-ए-माहताब पी ली मुँह चूम ले कोई इस अदा पे सरका के ज़रा नक़ाब पी ली मंज़ूर थी शुस्तगी ज़बाँ की थोड़ी सी शराब-ए-नाब पी ली दाढ़ी की नहीं 'रियाज़' अब शर्म जब पा गए बे-हिसाब पी ली