क़ल्ब-ए-नालाँ तिरी आहों में असर है कि नहीं ज़ुल्मत-ए-शब तिरे पहलू में सहर है कि नहीं शिद्दत-ए-ज़ब्त में गुज़री है तिरे हिज्र की शाम अब तिरे साथ मुझे इज़्न-ए-सफ़र है कि नहीं है धनक-रंग मिरे जज़्बा-ए-दिल की तस्वीर तुझ में एहसास कोई मिस्ल-ए-गुहर है कि नहीं पूछ लेना कभी उन से ऐ ग़रीबान-ए-चमन कि मिरे हाल-ए-परेशाँ की ख़बर है कि नहीं कब तलक बीच में होंगे ये पस-ओ-पेश बता जुस्तुजू मेरी तिरे पेश-ए-नज़र है कि नहीं तेरे दिल को है अभी उज़्र-ए-मोहब्बत से गुरेज़ फ़िक्र में तेरी कहीं मेरा गुज़र है कि नहीं दिल को हसरत तिरी ताईद-ए-नज़र की है फ़क़त तेरे अंदर कहीं तूफ़ान-ए-शरर है कि नहीं