रात भर तुम न जागते रहियो ख़्वाब आँखों में पालते रहियो एक लम्हे में फ़ैसला करना उम्र भर याँ न सोचते रहियो जो किसी की सुना नहीं अब तक उस ख़ुदा को न पूजते रहियो वक़्त के साथ साथ चलना तुम इक जगह तो न बैठ के रहियो भूल कर भी न लो यहाँ एहसाँ इस बला से तो भागते रहियो अपनी हस्ती ही क्या सो तुम ख़ुद को इस जहाँ में न ढूँडते रहियो अपनी आदत उदास रहना है सो मिरे साथ सोच के रहियो