रहता है जैसे चाँद सितारों के दरमियाँ ऐसे ही मैं खड़ा हूँ हज़ारों के दरमियाँ दिल को सुकून मिलता नहीं है तिरे बिना अब ज़िंदगी है दर्द के मारों के दरमियाँ कितना हसीन दिखने में लगता है ये गुलाब रहता है फिर भी आज भी ख़ारों के दरमियाँ तन्हा कभी हुआ तो ये दिल ने मिरे कहा चलते हैं आओ हम भी मज़ारों के दरमियाँ तुम क्यों तलाश करते हो 'हैदर' को मेरे दोस्त वो तो फँसा हुआ है ग़ुबारों के दरमियाँ