रंग बिरंगे सपनों जैसी आँखें तेरी शाम की पहली किरनों जैसी आँखें तेरी सुब्ह की भीगी ख़ुशबू रंगत चेहरा तेरा दीवाली की रातों जैसी आँखें तेरी महकाती हैं जुगनू बन कर मंज़र सारा मेरे दिल के सज्दों जैसी आँखें तेरी हुस्न-ए-तबस्सुम तेरी नज़रों की हर धड़कन बृन्दावन की शामों जैसी आँखें तेरी नग़्मा बन कर छा जाती हैं 'साजिद' दिल पर वस्ल की रौशन लम्हों जैसी आँखें तेरी