रक़ीबों को यूँ भी सताया करो दिए बुझ रहे हों तब आया करो ये आशिक़ कभी नाचते ही नहीं इन्हें उँगलियों पर नचाया करो नक़ाब अपने चेहरे पे रक्खो सदा फ़क़त हम को चेहरा दिखाया करो ये पैग़ाम लाएँगे ले जाएँगे छतों पर कबूतर उड़ाया करो गुलों को जलन तुम से होने लगी सुनो तुम चमन में न जाया करो तुम्हारे परस्तार हैं ढेर से हँसो और सब को रुलाया करो कोई दूसरा मेरे जैसा नहीं मैं 'दिलदार' हूँ आज़माया करो